अरमानों की बारिश
अरमानों की बारिश
तुम जिंदगी में आई, बारिश की पहली फुहार सी
बरसों से प्यासे मन पर बरस गई अमृत की धार सी
जीवन मरू भूमि सा उजाड़ बंजर बियाबान
तुम आई जीवन में बन कर हरा भरा नखलिस्तान।
मेरा तन और मन इस बारिश में सराबोर भीग गया
तुमको देखा तो देखते ही मन तुम पर रीझ गया
बरसों बाद इस ऊसर जमीन पर कोई प्रेम बीज गया
फूटी नई कोपले, प्रेम तरु हृदय से निरूपित हुआ।
जिंदगी नए अरमानों के साथ अठखेलियां करती
सपने संजोती, रोज नए ख्वाब बुन मुझ को लुभाती
जानता हूं अरमान भी बारिश की बूंदों से ही मेरे
मन भीग रहा, उम्मीद का बर्तन समय के साथ रीत रहा।।
आभार – नवीन पहल – ३०.११.२०२१ 🙏❤️💐👍
# प्रतियोगिता हेतु
Priyanka Rani
01-Dec-2021 10:18 PM
Nice
Reply
Niraj Pandey
01-Dec-2021 09:48 AM
बहुत खूब
Reply
Swati chourasia
30-Nov-2021 11:33 PM
Very beautiful
Reply